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"भोटको लडाइँको सवाई (७-९)/ लालबहादुर आउँमासी" के अवतरणों में अंतर
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कार्तिक वदी दशमी आइतबार।
पूर्वाषाढ नक्षत्रमा साइत सार ॥
काला राहुत् सङ्खासुरका हात पनि पर्यो ।
अफिसर्को बुद्धि पनि तेसै दिन हर्यो ॥८॥
मन्त्री भये कच्चा केही नजान्ने।
सिपाहीले भनेको कत्ति नमान्ने ॥
डिपुको तोप उँभोतिर तान्ने ।
वैरीलाई देखेर डरै मात्र मान्ने ॥९॥