भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"भैँचालाको सवाई (पहिलो भाग) (१-३) / धनवीर भँडारी" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Sirjanbindu (चर्चा | योगदान) ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=धनवीर भँडारी |अनुवादक= |संग्रह=भै...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
(कोई अंतर नहीं)
|
17:54, 26 जनवरी 2022 के समय का अवतरण
जानी न जानी कथक जोऱ्याको ।
धावाको समाचार जाहेरि गऱ्याको ।।
थियो सन् अठार चौरानब्बे साल ।
अलीकती सुन्नु हवस् दुश्मनको हाल ॥३॥