भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"कुखुरा बास्यो / रवीन्द्र शाह" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Sirjanbindu (चर्चा | योगदान) ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=रवीन्द्र शाह |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KK...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
(कोई अंतर नहीं)
|
22:14, 7 फ़रवरी 2022 के समय का अवतरण
कुखुरा बास्यो बिहानी हाँस्यो
फेरि प्रीति लाउँछ्यौ कि लाउँदिनौ ?
फूल फुल्यो बासना चल्यो
फेरि माया आउँछ्यौ कि आउँदिनौ ?
लेक बेँसी ढाकिहाल्यो लहराले आज
मुख छोपी पछ्यौरीले किन मान्छ्यौ लाज ?
पङ्ख खोली मुजुर नाच्यो
मेरो गीत गाउँछ्यौ कि गाउँदिनौ ?
पहरालाई शितल दिने छहराको पानी
गाई बाछो धपाई हिँड्ने सुकुमारी नानी
फूल टिपी माला त गाँस्यौ
मेरो आशिष पाउँछ्यौ कि पाउँदिनौ ?