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"गर्छिन् पुकार आमा / म. वी. वि. शाह" के अवतरणों में अंतर
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− | गर्छिन् पुकार आमा रोई कराई जोडले | + | गर्छिन् पुकार आमा रोई कराई जोडले- |
− | + | 'होइन मेरो' भन्छिन् सन्तान थरीथरीका ।' | |
− | कोही धनी असाध्य कोही गरीब माग्ने | + | कोही धनी असाध्य, कोही गरीब माग्ने, |
− | सक्दिनँ देख्न भन्छिन् सन्तान थरीथरीका | + | 'सक्दिनँ देख्न' भन्छिन् सन्तान थरीथरीका ।' |
− | नाङ्गो छ आङ कहीँ कहीँ पोसाक मखमल | + | नाङ्गो छ आङ कहीँ, कहीँ पोसाक मखमल, |
− | सक्दिनँ हेर्न भन्छिन् सन्तान थरीथरीका | + | 'सक्दिनँ हेर्न' भन्छिन् 'सन्तान थरीथरीका ।' |
− | सुनको थाल काहीँ, काहीँ छ पात खाली | + | सुनको थाल काहीँ, काहीँ छ पात खाली, |
− | सक्दिनँ सुन्न भन्छिन् सन्तान थरीथरीका | + | 'सक्दिनँ सुन्न' भन्छिन् 'सन्तान थरीथरीका ।' |
− | भन्छन् महल कसैका काहीँ छ चुथ्रो झुप्रो | + | भन्छन् 'महल' कसैका, काहीँ छ चुथ्रो झुप्रो |
− | सक्दिनँ सहन भन्छिन् सन्तान थरीथरीका | + | 'सक्दिनँ सहन' भन्छिन् 'सन्तान थरीथरीका .' |
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14:57, 17 फ़रवरी 2022 का अवतरण
गर्छिन् पुकार आमा रोई कराई जोडले-
'होइन मेरो' भन्छिन् सन्तान थरीथरीका ।'
कोही धनी असाध्य, कोही गरीब माग्ने,
'सक्दिनँ देख्न' भन्छिन् सन्तान थरीथरीका ।'
नाङ्गो छ आङ कहीँ, कहीँ पोसाक मखमल,
'सक्दिनँ हेर्न' भन्छिन् 'सन्तान थरीथरीका ।'
सुनको थाल काहीँ, काहीँ छ पात खाली,
'सक्दिनँ सुन्न' भन्छिन् 'सन्तान थरीथरीका ।'
भन्छन् 'महल' कसैका, काहीँ छ चुथ्रो झुप्रो
'सक्दिनँ सहन' भन्छिन् 'सन्तान थरीथरीका .'