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"मिला प्रेम पावन / रश्मि विभा त्रिपाठी" के अवतरणों में अंतर
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अश्रांत श्रम | अश्रांत श्रम | ||
प्रेमिल हथेली का | प्रेमिल हथेली का | ||
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प्रार्थनाओं से | प्रार्थनाओं से | ||
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करे नव-निर्माण | करे नव-निर्माण | ||
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मेरे जिलाए प्राण। | मेरे जिलाए प्राण। | ||
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2 | 2 | ||
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बड़भागिनी | बड़भागिनी | ||
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पाए प्रिय- दर्शन | पाए प्रिय- दर्शन | ||
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मणिकांचन | मणिकांचन | ||
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मिला प्रेम पावन | मिला प्रेम पावन | ||
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मन्दाकिनी- सा मन। | मन्दाकिनी- सा मन। | ||
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3 | 3 | ||
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मधुर वाणी | मधुर वाणी | ||
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मुझे दे नव आस | मुझे दे नव आस | ||
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बोलें प्रिय जो | बोलें प्रिय जो | ||
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अहा! बिखरे हास | अहा! बिखरे हास | ||
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अतुलित प्रभास। | अतुलित प्रभास। | ||
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4 | 4 | ||
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आँख खुलते | आँख खुलते | ||
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करूँ मैं अगुआई | करूँ मैं अगुआई | ||
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पलक- द्वार | पलक- द्वार | ||
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प्रिय की याद आई | प्रिय की याद आई | ||
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पा दर्शन हर्षाई। | पा दर्शन हर्षाई। | ||
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5 | 5 | ||
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प्रिय शशि- से | प्रिय शशि- से | ||
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आकर बरसाई | आकर बरसाई | ||
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अपरिमित | अपरिमित | ||
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आशीष की जुन्हाई | आशीष की जुन्हाई | ||
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अमा झाँकी, लजाई। | अमा झाँकी, लजाई। | ||
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6 | 6 | ||
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सर्वसुख की | सर्वसुख की | ||
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तुमने दे दी बलि | तुमने दे दी बलि | ||
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अपरिमित | अपरिमित | ||
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प्राणों में इत्र घोले | प्राणों में इत्र घोले | ||
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प्रणय- पुष्पांजलि। | प्रणय- पुष्पांजलि। | ||
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7 | 7 | ||
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प्रिय तुम्हारी | प्रिय तुम्हारी | ||
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मंगलकामनाएँ!! | मंगलकामनाएँ!! | ||
− | |||
पुनर्जीवन | पुनर्जीवन | ||
− | |||
मेरे प्राण पा जाएँ | मेरे प्राण पा जाएँ | ||
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मोल कैसे चुकाएँ। | मोल कैसे चुकाएँ। | ||
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15:24, 21 मार्च 2022 के समय का अवतरण
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अश्रांत श्रम
प्रेमिल हथेली का
प्रार्थनाओं से
करे नव-निर्माण
मेरे जिलाए प्राण।
2
बड़भागिनी
पाए प्रिय- दर्शन
मणिकांचन
मिला प्रेम पावन
मन्दाकिनी- सा मन।
3
मधुर वाणी
मुझे दे नव आस
बोलें प्रिय जो
अहा! बिखरे हास
अतुलित प्रभास।
4
आँख खुलते
करूँ मैं अगुआई
पलक- द्वार
प्रिय की याद आई
पा दर्शन हर्षाई।
5
प्रिय शशि- से
आकर बरसाई
अपरिमित
आशीष की जुन्हाई
अमा झाँकी, लजाई।
6
सर्वसुख की
तुमने दे दी बलि
अपरिमित
प्राणों में इत्र घोले
प्रणय- पुष्पांजलि।
7
प्रिय तुम्हारी
मंगलकामनाएँ!!
पुनर्जीवन
मेरे प्राण पा जाएँ
मोल कैसे चुकाएँ।