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"मरवण / नीलम पारीक" के अवतरणों में अंतर

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|संग्रह=देसूंटो / नीरज दइया
 
 
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|संग्रह=लुगाई नै कुण गाई / नीरज दइया
 
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05:58, 11 जुलाई 2022 के समय का अवतरण

बा जले आप ही
धुप में
चाले
काँटा पर
तपती बालू
पगां उभाणे
तिरसा सूखा होठां
भर ल्यावे दो घड़ माट
मीलां चाल
खावे चोट तन पर मन पर
फेर बी जोवे
साँझ रो दिवलो
घर री खुसहाली खातर
आप रवे भूखी
पर बनावे तीज तिवार
मीठा पकवान
आपरो जीवन थार सो
पर बनावे आपणा खातर
मरवण