भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"सदाजीवी उडीक / चंद्रप्रकाश देवल" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=चंद्रप्रकाश देवल |अनुवादक= |संग...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) |
||
पंक्ति 25: | पंक्ति 25: | ||
बस, उडीक री अमर वेल! | बस, उडीक री अमर वेल! | ||
− | |||
− | |||
− | |||
− | |||
− | |||
− | |||
− | |||
− | |||
− | |||
− | |||
− | |||
− | |||
− | |||
− | |||
− | |||
− | |||
− | |||
− | |||
− | |||
− | |||
− | |||
− | |||
− | |||
− | |||
− | |||
− | |||
− | |||
− | |||
− | |||
− | |||
− | |||
− | |||
− | |||
− | |||
</poem> | </poem> |
14:22, 17 जुलाई 2022 के समय का अवतरण
थूं कंकू
म्हैं चोखा
लिलाड़ री हद बिना
मिलण रा ई जोखा
थूं सूखै
म्हैं खिरां
प्रीत री इत्ती इज आयस
लिखी व्है तकदीरां
नित हमेस न्यारा-न्यारा पड़्या
आपौआप री डाबी में
उडीकां
आंगळी, अंगोठा, पांणी अर थाळी रौ मेळ
प्रीत ई कैड़ी-कैड़ी चीजां री मारेळ
बस, उडीक री अमर वेल!