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"प्रेम, कितना लम्बा रास्ता है चुम्बन तक पहुँचने के लिए / पाब्लो नेरूदा / विनीत मोहन औदिच्य" के अवतरणों में अंतर

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गति में है — कितना एकाकीपन तुम्हारे साथ आने के लिए !
 
गति में है — कितना एकाकीपन तुम्हारे साथ आने के लिए !
 
बारिश की बून्दों के साथ लुढ़कते हुए, हम अकेले तय करते हैं पथ ।
 
बारिश की बून्दों के साथ लुढ़कते हुए, हम अकेले तय करते हैं पथ ।
टालटाल<ref>उत्तर-मध्य चिली के अन्तोफ़ागस्ता ज़िले में एक छोटा बन्दरगाही क़स्बा</ref> में न तो पौ फटती है, न ही आता है बसन्त ।
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टालटाल<ref>उत्तर-मध्य चिली के अन्तोफ़ागस्ता ज़िले में एक छोटा बन्दरगाही क़स्बा </ref> में न तो पौ फटती है, न ही आता है बसन्त ।
  
 
ओ प्रिया ! परन्तु मैं और तुम, हम हैं साथ
 
ओ प्रिया ! परन्तु मैं और तुम, हम हैं साथ
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उस प्रयास के बारे में सोचना, जब प्रवाह बहा ले आता है कई पत्थर,
 
उस प्रयास के बारे में सोचना, जब प्रवाह बहा ले आता है कई पत्थर,
बोरोआ<ref>’बोरो’ से निर्मित एक विशेषण। बोरोआ पूर्व इनकान इण्डियन जनजाति और उसकी भाषा का नाम है। उस इलाके को भी बोरोआ क्षेत्र कहा जाता है, जहाँ बोरोआ लोग रहते हैं। इस इलाके में आधुनिक पेरु का पेरिस, ब्राजील और कोलम्बिया शामिल हैं। ’बोरो’ इक्विटोस पेरु के चट्टानी, प्रचुर और अमेजन नदी के सघन जल के बीच बसे उन विशाल अन्तरीपों में बसा हुआ हैं, जहाँ बहुत सारी छोटी-छोटी नदियाँ बहती हैं।</ref> के जल-स्रोत में;
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बोरोआ<ref>’बोरो’ से निर्मित एक विशेषण। बोरोआ पूर्व इनकान इण्डियन जनजाति और उसकी भाषा का नाम है। उस इलाके को भी बोरोआ क्षेत्र कहा जाता है, जहाँ बोरोआ लोग रहते हैं। इस इलाके में आधुनिक पेरु का पेरिस, ब्राजील और कोलम्बिया शामिल हैं। ’बोरो’ इक्विटोस पेरु के प्रचुर चट्टानी  और अमेजन नदी के सघन जल के बीच बसे उन विशाल अन्तरीपों में बसा हुआ हैं, जहाँ बहुत सारी छोटी-छोटी नदियाँ बहती हैं।</ref> के जल-स्रोत में;
 
यह सोचना कि भौगोलिक अन्तराल से विभाजित हैं तुम और मैं,
 
यह सोचना कि भौगोलिक अन्तराल से विभाजित हैं तुम और मैं,
  

12:52, 5 अगस्त 2022 के समय का अवतरण

सॉनेट — 2

प्रेम, कितना लम्बा रास्ता है चुम्बन तक पहुँचने के लिए,
गति में है — कितना एकाकीपन तुम्हारे साथ आने के लिए !
बारिश की बून्दों के साथ लुढ़कते हुए, हम अकेले तय करते हैं पथ ।
टालटाल<ref>उत्तर-मध्य चिली के अन्तोफ़ागस्ता ज़िले में एक छोटा बन्दरगाही क़स्बा ।</ref> में न तो पौ फटती है, न ही आता है बसन्त ।

ओ प्रिया ! परन्तु मैं और तुम, हम हैं साथ
अपने वस्त्रों से लेकर अपनी जड़ों तक :
रहते हैं समीपस्थ नदियों में, पहाड़ों में, पतझड़ में,
जब तक कि हम नहीं होते हैं साथ — मात्र तुम और मैं ।

उस प्रयास के बारे में सोचना, जब प्रवाह बहा ले आता है कई पत्थर,
बोरोआ<ref>’बोरो’ से निर्मित एक विशेषण। बोरोआ पूर्व इनकान इण्डियन जनजाति और उसकी भाषा का नाम है। उस इलाके को भी बोरोआ क्षेत्र कहा जाता है, जहाँ बोरोआ लोग रहते हैं। इस इलाके में आधुनिक पेरु का पेरिस, ब्राजील और कोलम्बिया शामिल हैं। ’बोरो’ इक्विटोस पेरु के प्रचुर चट्टानी और अमेजन नदी के सघन जल के बीच बसे उन विशाल अन्तरीपों में बसा हुआ हैं, जहाँ बहुत सारी छोटी-छोटी नदियाँ बहती हैं।</ref> के जल-स्रोत में;
यह सोचना कि भौगोलिक अन्तराल से विभाजित हैं तुम और मैं,

हमें एक-दूसरे को केवल करना था प्रेम :
भिन्न पुरुषों अथवा नारियों व कई दुविधाओं के साथ,
यही है धरा, जहाँ हमारे प्रेम पुष्प का होता है पल्लवन और पुष्पन ।

अँग्रेज़ी से अनुवाद : विनीत मोहन औदिच्य

लीजिए, अब इस रचना का अँग्रेज़ी अनुवाद पढ़िए
          Pablo Neruda
           Sonnet II
Love, how many roads to obtain a kiss,
what lonely wanderings before finding you!
Trains now trundle through the rain without me.
Spring has yet to come to Taltal.

But you and I, my love, are together,
together from our clothes to our bones,
together in Autumn, in our water, at our hips,
until it's just you together, me together.

To think it took all the stones borne by the water,
flowing out of the mouth of the river Boroa;
to think that, held apart by trains and nations

you and I had but to love each other,
with everyone mixed up, with men and women,
with the earth that nurtures the carnations.

 Translate from spanish by

लीजिए, अब इस रचना को मूल स्पानी भाषा में पढ़िए
             Neruda, Pablo
               Soneto II

Amor, cuántos caminos hasta llegar a un beso,
qué soledad errante hasta tu compañía!
Siguen los trenes solos rodando con la lluvia.

En Taltal no amanece aún la primavera.
Pero tú y yo, amor mío, estamos juntos,
juntos desde la ropa a las raíces,
juntos de otoño, de agua, de caderas,

hasta ser sólo tú, sólo yo juntos.
Pensar que costó tantas piedras que lleva el río,
la desembocadura del agua de Boroa,
pensar que separados por trenes y naciones

tú y yo teníamos que simplemente amarnos,
con todos confundidos, con hombres y mujeres,
con la tierra que implanta y educa los claveles.

शब्दार्थ
<references/>