भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

माँड़ / शिरोमणि महतो

3 bytes added, 05:20, 29 अगस्त 2022
हल्ला इतना ज़ोर से हुआ था कि
घर की दींवारें दरक गईगईं
एक घर में कई दीवारें हो गईं
और एक दीवार में कई द्वार !
</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
53,608
edits