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"मानव / भगवतीचरण वर्मा" के अवतरणों में अंतर

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जब भूले से भरमाए से
 
जब भूले से भरमाए से
भर्मरों को रस का पान मिला
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भ्रमरों को रस का पान मिला
 
तब हम मस्तों को हृदय मिला
 
तब हम मस्तों को हृदय मिला
 
मर मिटने का अरमान मिला।
 
मर मिटने का अरमान मिला।

11:13, 30 अगस्त 2022 के समय का अवतरण

जब किलका को मादकता में
हंस देने का वरदान मिला
जब सरिता की उन बेसुध सी
लहरों को कल कल गान मिला

जब भूले से भरमाए से
भ्रमरों को रस का पान मिला
तब हम मस्तों को हृदय मिला
मर मिटने का अरमान मिला।

पत्थर सी इन दो आंखो को
जलधारा का उपहार मिला
सूनी सी ठंडी सांसों को
फिर उच्छवासो का भार मिला

युग युग की उस तन्मयता को
कल्पना मिली संचार मिला
तब हम पागल से झूम उठे
जब रोम रोम को प्यार मिला