"जो कुछ भी मैंने कहा, उसे वापस लेता हूँ / निकानोर पार्रा / अनिल अनलहातु" के अवतरणों में अंतर
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'''अँग्रेज़ी से अनुवाद : अनिल अनलहातु''' | '''अँग्रेज़ी से अनुवाद : अनिल अनलहातु''' |
01:47, 30 सितम्बर 2022 के समय का अवतरण
विदा लेने के पहले
कहना चाहता हूँ मैं अपनी आख़िरी इच्छा ।
प्यारे पाठको !
जला डालो इन पुस्तकों को
कि इनमें वह बिलकुल भी नहीं है
जो मैं कहना चाहता था ।
यद्यपि यह मेरे खून की स्याही से
लिखी हुई है,
फिर भी यह वह नहीं है
जो मैं कहना चाहता था ।
क्या कोई मुझसे भी ज्यादा अभागा होगा
जिसने अपनी परछाईं से ही
मुँह की खाई ?
मेरे शब्दों ने ही मुझसे बदला लिया ।
क्षमा करें प्यारे पाठक !
अगर मैं आपसे गले लगकर विदा
न ले पाऊँ तो,
मैं अपनी उदास मुस्कराहटों के साथ
विदा लेता हूँ ,
शायद मैं ऐसा ही हूँ ;
किन्तु मेरे आख़िरी शब्द याद रखें
कि मैं वह सब वापस लेता हूँ
जो मैंने कहा ,
इस संसार में होने की
अपनी समस्त कड़वाहटों के साथ
मैं वह सब कुछ वापस लेता हूँ
जो मैंने अब तक कहा ।
अँग्रेज़ी से अनुवाद : अनिल अनलहातु
लीजिए, अब यही कविता अँग्रेज़ी अनुवाद में पढ़िए
Nicanor Parra
I TAKE BACK EVERYTHING I´VE SAID
Before I go
I'm supposed to get a last wish:
Generous reader
burn this book
It's not at all what 1 wanted to say
Though it was written in blood
It's not what I wanted to say.
No lot could be sadder than mine
I was defeated by my own shadow:
My words took vengeance on me.
Forgive me, reader, good reader
If I cannot leave you
With a warm embrace. I leave you
With a forced and sad smile.
Maybe that's all I am
But listen to my last word:
I take back everything I`ve said.
With the greatest bitterness in the world
I take back everything I`ve said.
Translated by Miller Williams
लीजिए, अब यही कविता मूल स्पानी भाषा में पढ़िए
Nicanor Parra
ME RETRACTO DE TODO LO DICHO
Antes de despedirme
Tengo derecho a un último deseo:
Generoso lector
...................... quema este libro
No representa 1o que quise decir
A pesar de que fue escrito con sangre
No representa lo que quise decir.
Mi situación no puede ser más triste
Fui derrotado por mi propia sombra:
Las palabras se vengaron de mí.
Perdóname lector
Amistoso lector
Que no me pueda despedir de ti
Con un abrazo fiel:
Me despido de ti
con una triste sonrisa forzada.
Puede que yo no sea más que eso
pero oye mi última palabra:
Me retracto de todo lo dicho.
Con la mayor amargura del mundo
Me retracto de todo lo que he dicho.