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|जन्मस्थान=बहादुरगंज, गाजीपुर, उत्तर प्रदेश | |जन्मस्थान=बहादुरगंज, गाजीपुर, उत्तर प्रदेश | ||
− | |मृत्यु= | + | |मृत्यु=28 अक्तूबर 2009 |
|कृतियाँ=जलते शहर में (1968), धूप कड़ी है (1986), तोहफ़े काँचघर के (1996) | |कृतियाँ=जलते शहर में (1968), धूप कड़ी है (1986), तोहफ़े काँचघर के (1996) | ||
|विविध= 2003 में उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान द्वारा साहित्य-भूषण से अलंकृत। उनकी तीनों नवगीत-कृतियाँ उत्तरप्रदेश हिन्दी संस्थान लखनऊ द्वारा पुरस्कृत हैं। तीसरे नवगीत-संग्रह पर 1998 में उन्हें "डा० शंभुनाथ सिंह न्यास पुरस्कार" भी प्राप्त हुआ। | |विविध= 2003 में उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान द्वारा साहित्य-भूषण से अलंकृत। उनकी तीनों नवगीत-कृतियाँ उत्तरप्रदेश हिन्दी संस्थान लखनऊ द्वारा पुरस्कृत हैं। तीसरे नवगीत-संग्रह पर 1998 में उन्हें "डा० शंभुनाथ सिंह न्यास पुरस्कार" भी प्राप्त हुआ। |
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उमाशंकर तिवारी
जन्म | 31 जुलाई 1940 |
---|---|
निधन | 28 अक्तूबर 2009 |
जन्म स्थान | बहादुरगंज, गाजीपुर, उत्तर प्रदेश |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
जलते शहर में (1968), धूप कड़ी है (1986), तोहफ़े काँचघर के (1996) | |
विविध | |
2003 में उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान द्वारा साहित्य-भूषण से अलंकृत। उनकी तीनों नवगीत-कृतियाँ उत्तरप्रदेश हिन्दी संस्थान लखनऊ द्वारा पुरस्कृत हैं। तीसरे नवगीत-संग्रह पर 1998 में उन्हें "डा० शंभुनाथ सिंह न्यास पुरस्कार" भी प्राप्त हुआ। | |
जीवन परिचय | |
उमाशंकर तिवारी / परिचय |
प्रतिनिधि रचनाएँ
- आ गए कुहरे भरे दिन / उमाशंकर तिवारी
- ख़ूबसूरत घर / उमाशंकर तिवारी
- आईना चेहरा / उमाशंकर तिवारी
- बेचेहरा मैं / उमाशंकर तिवारी
- बाक़ी है ईमान अभी भी / उमाशंकर तिवारी
- रोशनी सड़कें / उमाशंकर तिवारी
- एक मुश्किल दौर में / उमाशंकर तिवारी
- कहीं कुछ नहीं / उमाशंकर तिवारी
- डाकिए दिन / उमाशंकर तिवारी
- जो हवा में है / उमाशंकर तिवारी
- अकाल के बाद / उमाशंकर तिवारी
- पहचाने नहीं जाते / उमाशंकर तिवारी
- चलिए, बाज़ार तक चलें / उमाशंकर तिवारी
- चैन उड़ाती रातें / उमाशंकर तिवारी
- बनारस की सुबह वाले / उमाशंकर तिवारी
- शाम की रंगीनियाँ / उमाशंकर तिवारी
- शहर को ऊँची जगह से देखिए / उमाशंकर तिवारी
- खेतों में आँसू बोते हैं / उमाशंकर तिवारी
- हेमन्त : हिमालय और हम / उमाशंकर तिवारी