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"कुछ नहीं चाहिए / विलिमीर ख़्लेबनिकफ़ / वरयाम सिंह" के अवतरणों में अंतर
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12:46, 19 जनवरी 2023 के समय का अवतरण
कुछ नहीं चाहिए !
बस, टुकड़ा-भर रोटी
बूँद-भर दूध
यह आकाश
और ये बादल !
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मूल रूसी भाषा से अनुवाद : वरयाम सिंह