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"चाय-5 / नूपुर अशोक" के अवतरणों में अंतर

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19:44, 14 अप्रैल 2023 के समय का अवतरण

कभी किसी
और कभी
किसी और के नाम पर
दूर होते गए हैं हम
छोटी-छोटी खुशियों से,
इस चाय की तरह
जिसमें रह गई हैं
चाय के नाम पर
अब बस चंद पत्तियाँ,
चलो न,
वापस लौटें उसी भरपूर वक़्त में
और भर लें एक बार फिर
इस पानी-पानी जीवन में
अदरक जैसी तेज़ी
इलायची जैसी खुशबू
चीनी जैसी मिठास
और दूध जैसा प्यार!