भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"आदम ज़गायेवस्की" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) ('{{KKGlobal}} {{KKParichay |चित्र=आदम ज़गायेव्स्की.jpg |नाम=आदम ज़गाय...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) |
||
(इसी सदस्य द्वारा किये गये बीच के 11 अवतरण नहीं दर्शाए गए) | |||
पंक्ति 2: | पंक्ति 2: | ||
{{KKParichay | {{KKParichay | ||
|चित्र=आदम ज़गायेव्स्की.jpg | |चित्र=आदम ज़गायेव्स्की.jpg | ||
− | |नाम=आदम | + | |नाम=आदम ज़गायेवस्की |
− | |उपनाम= | + | |उपनाम=Adam Zagajewski |
|जन्म=21 जून 1945 | |जन्म=21 जून 1945 | ||
− | |मृत्यु= | + | |मृत्यु=21 मार्च 2021 |
− | |जन्मस्थान=ल्वोव, | + | |जन्मस्थान=ल्वोव, उक्रअईना। |
|कृतियाँ= कविता की कुल तेरह पुस्तकें। | |कृतियाँ= कविता की कुल तेरह पुस्तकें। | ||
− | |विविध= | + | |विविध=पोलैण्ड के क्राकोव विश्वविद्यालय में मनोविज्ञान और दर्शन की पढ़ाई पूरी करने के बाद तत्कालीन सरकार विरोधी ’आज की कविता’ ग्रुप में शामिल हो गए और 1975 तक उसके सदस्य रहे। उन्हें ’नई लहर’ के कवियों का एक शानदार कवि माना जाता है, जिन्होंने जीवन के यथार्थ और ऐतिहासिकता के आधार पर प्राप्त मानवीय अनुभव को कविता की ताक़त माना और अपनी कविता में इसी मानवीय अनुभव को अभिव्यक्त करने की कोशिश की। 1990 से पहले पोलिश कम्युनिस्ट पार्टी की सरकार ने पोलैण्ड में उनकी कविताओं के प्रकाशन पर प्रतिबन्ध लगा रखा था। 1982 में वे पोलैण्ड छोड़कर पेरिस में बस गए। उसके बाद वे अमेरिका और जर्मनी में भी रहे। 2002 में वे विदेश से वापिस पोलैण्ड आ गए। इसके बाद वे अपने निधन तक लगातार हर साल अतिथि प्रोफ़ेसर के रूप में शिकागो विश्वविद्यालय में व्याख्यान देने के लिए जाते रहे। यूँ तो उन्हें कविता के लिए ढेरों पुरस्कार मिले, लेकिन जिन पुरस्कारों का ज़िक्र करना ज़रूरी है, वे हैं — कोस्सिलस्की पुरस्कार (1075), विलेनिका पुरस्कार (1996), न्यूस्टाड अन्तरराष्ट्रीय साहित्य पुरस्कार (2004), हाइनरिश मान पुरस्कार (2015), ग्रिफिन लाइफटाइम रिकग्निशन अवार्ड (2016), प्रिंसेस ऑफ ऑस्टुरियस अवार्ड (2017) और स्ट्रुगा काव्य सन्ध्याएँ स्वर्ण माल्यार्पण सम्मान (2018)। |
− | |जीवनी=[[आदम | + | |जीवनी=[[आदम ज़गायेवस्की / परिचय]] |
}} | }} | ||
'''गीत चतुर्वेदी द्वारा अनूदित''' | '''गीत चतुर्वेदी द्वारा अनूदित''' | ||
− | *[[मैंने हिटलर को मारा था / आदम | + | * [[मरी हुई गौरैया / आदम ज़गायेवस्की / गीत चतुर्वेदी]] |
− | *[[लपट / आदम | + | * [[नीम्बू का पेड़ / आदम ज़गायेवस्की / गीत चतुर्वेदी]] |
− | *[[छोटा वाल्ट्ज़ / आदम | + | *[[मैंने हिटलर को मारा था / आदम ज़गायेवस्की ]] |
− | *[[विरह / आदम | + | *[[लपट / आदम ज़गायेवस्की]] |
− | *[[जहाँ साँस है / आदम | + | *[[छोटा वाल्ट्ज़ / आदम ज़गायेवस्की]] |
+ | *[[विरह / आदम ज़गायेवस्की]] | ||
+ | *[[जहाँ साँस है / आदम ज़गायेवस्की]] | ||
+ | * [[आत्मा / आदम ज़गायेवस्की / उदयप्रकाश]] | ||
+ | * [[अमरता / आदम ज़गायेवस्की / उदयप्रकाश]] | ||
+ | * [[आग / आदम ज़गायेवस्की / उदयप्रकाश]] | ||
+ | * [[पियानोवादक की मृत्यु / आदम ज़गायेवस्की / उदयप्रकाश]] |
23:10, 16 अप्रैल 2023 के समय का अवतरण
आदम ज़गायेवस्की
जन्म | 21 जून 1945 |
---|---|
निधन | 21 मार्च 2021 |
उपनाम | Adam Zagajewski |
जन्म स्थान | ल्वोव, उक्रअईना। |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
कविता की कुल तेरह पुस्तकें। | |
विविध | |
पोलैण्ड के क्राकोव विश्वविद्यालय में मनोविज्ञान और दर्शन की पढ़ाई पूरी करने के बाद तत्कालीन सरकार विरोधी ’आज की कविता’ ग्रुप में शामिल हो गए और 1975 तक उसके सदस्य रहे। उन्हें ’नई लहर’ के कवियों का एक शानदार कवि माना जाता है, जिन्होंने जीवन के यथार्थ और ऐतिहासिकता के आधार पर प्राप्त मानवीय अनुभव को कविता की ताक़त माना और अपनी कविता में इसी मानवीय अनुभव को अभिव्यक्त करने की कोशिश की। 1990 से पहले पोलिश कम्युनिस्ट पार्टी की सरकार ने पोलैण्ड में उनकी कविताओं के प्रकाशन पर प्रतिबन्ध लगा रखा था। 1982 में वे पोलैण्ड छोड़कर पेरिस में बस गए। उसके बाद वे अमेरिका और जर्मनी में भी रहे। 2002 में वे विदेश से वापिस पोलैण्ड आ गए। इसके बाद वे अपने निधन तक लगातार हर साल अतिथि प्रोफ़ेसर के रूप में शिकागो विश्वविद्यालय में व्याख्यान देने के लिए जाते रहे। यूँ तो उन्हें कविता के लिए ढेरों पुरस्कार मिले, लेकिन जिन पुरस्कारों का ज़िक्र करना ज़रूरी है, वे हैं — कोस्सिलस्की पुरस्कार (1075), विलेनिका पुरस्कार (1996), न्यूस्टाड अन्तरराष्ट्रीय साहित्य पुरस्कार (2004), हाइनरिश मान पुरस्कार (2015), ग्रिफिन लाइफटाइम रिकग्निशन अवार्ड (2016), प्रिंसेस ऑफ ऑस्टुरियस अवार्ड (2017) और स्ट्रुगा काव्य सन्ध्याएँ स्वर्ण माल्यार्पण सम्मान (2018)। | |
जीवन परिचय | |
आदम ज़गायेवस्की / परिचय |
गीत चतुर्वेदी द्वारा अनूदित
- मरी हुई गौरैया / आदम ज़गायेवस्की / गीत चतुर्वेदी
- नीम्बू का पेड़ / आदम ज़गायेवस्की / गीत चतुर्वेदी
- मैंने हिटलर को मारा था / आदम ज़गायेवस्की
- लपट / आदम ज़गायेवस्की
- छोटा वाल्ट्ज़ / आदम ज़गायेवस्की
- विरह / आदम ज़गायेवस्की
- जहाँ साँस है / आदम ज़गायेवस्की
- आत्मा / आदम ज़गायेवस्की / उदयप्रकाश
- अमरता / आदम ज़गायेवस्की / उदयप्रकाश
- आग / आदम ज़गायेवस्की / उदयप्रकाश
- पियानोवादक की मृत्यु / आदम ज़गायेवस्की / उदयप्रकाश