भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

प्रेम में / जया आनंद

519 bytes added, 17:38, 17 जुलाई 2023
जिससे महकती है
जिंदगी ताउम्र
 
प्रेम में सुदूर
भटकते हुए
तुम्हारा वापस
लौट-लौट आना
कुछ इस तरह
कि जैसे तुम
कभी गए ही
नहीं थे
 
प्रेम में तुमसे
किया हर संवाद
जैसे भाषा का वैविध्य
विचारों की वृष्टि
भावों की संसृति
और आत्मिक तृप्ति
</poem>
Delete, Mover, Reupload, Uploader
16,441
edits