भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"ल्येस्या उक्रअईनका" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) (→कुछ प्रतिनिधि रचनाएँ) |
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) |
||
पंक्ति 20: | पंक्ति 20: | ||
* [[आशा / ल्येस्या उक्रअईनका / अनिल जनविजय]] | * [[आशा / ल्येस्या उक्रअईनका / अनिल जनविजय]] | ||
* [[रात थी शान्त और अन्धेरी / ल्येस्या उक्रअईनका / अनिल जनविजय]] | * [[रात थी शान्त और अन्धेरी / ल्येस्या उक्रअईनका / अनिल जनविजय]] | ||
− | * [[ / ल्येस्या उक्रअईनका / अनिल जनविजय]] | + | * [[किसी लता की तरह तुमसे लिपट जाना चाहूँ / ल्येस्या उक्रअईनका / अनिल जनविजय]] |
23:37, 17 जुलाई 2023 के समय का अवतरण
ल्येस्या उक्रअईनका
जन्म | 25 फ़रवरी 1871 |
---|---|
निधन | 01 अगस्त 1913 |
उपनाम | Лари́са Петро́вна Ко́сач-Кви́тка |
जन्म स्थान | नोफ़ग्राद वोलिन्स्की, झितामीर (उक्रअईना), रूस |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
गीतों के पंखों पर (1893), स्वप्न और विचार (1899), पुरानी लोकगाथा (लम्बी कविता), एक शब्द (1903), मोहतरमा (गीति नाटिका), कसान्द्रा, जंगली गीत (1911) आदि। | |
विविध | |
उक्रअईनी भाषा की कवि, लेखक और अनुवादक। उक्रअईनी क्रान्तिकारी रूमानियत और आलोचनात्मक यथार्थवाद का एक प्रमुख प्रतिनिधि। कविता, गीत, कहानी, नाटक आदि लिखने के अलावा प्रमुख लोकगायिका थीं। उक्रअईनी राष्ट्रवादी आन्दोलन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेती थीं । समाजवादी आन्दोलन में भी सक्रिय भागीदारी। कम्युनिस्ट घोषणापत्र का उक्रअईनी भाषा में अनुवाद किया। | |
जीवन परिचय | |
ल्येस्या उक्रअईनका / परिचय |