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Kavita Kosh से
सबकी ये दुआएँ
दुःख न पास आएँ।
59नेह की धूप प्राणप्रिया बिटियाआत्मा का रूप मिलें जितने जन्मसाथ रहना सदा।60किसने भेजीसुगन्ध पिरोकरभाव- वल्लरीपास आकर छुआवो तुम थी प्राणवायु!! 61झरती बूँदेंहिमनद उर से सिंचित प्राणकोई न होगा वहकेवल तुम्हीं तो हो।
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