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"मलाई नसोध कहाँ दुख्छ घाउ / हरिभक्त कटुवाल" के अवतरणों में अंतर
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मलाई नसोध कहाँ दुख्छ घाउ | मलाई नसोध कहाँ दुख्छ घाउ | ||
− | म जे छु | + | म जे छु ठीकै छु, बिथोल्न नआऊ। |
− | मेरो जिन्दगीमा | + | |
− | सकेकै छु जिउन | + | मेरो जिन्दगीमा सधैँ यो उदासी |
− | मेरो | + | सकेकै छु जिउन कहिल्यै नहाँसी |
− | मेरो घाउ तिमी नहाँसे पो दुख्छ | + | मेरो चाहना हो तिमी हाँसे पुग्छ |
− | यसैले म भन्छु तिमी मुस्कुराऊ | + | मेरो घाउ तिमी नहाँसे पो दुख्छ ! |
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+ | यसैले म भन्छु तिमी मुस्कुराऊ | ||
मलाई नसोध कहाँ दुख्छ घाउ। | मलाई नसोध कहाँ दुख्छ घाउ। | ||
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कतै बिरानीमा हराएँ भने म | कतै बिरानीमा हराएँ भने म | ||
− | कतै | + | कतै बेहोशीमा कराएँ भने म |
− | मेरो | + | मेरो प्राप्ति त्यही यति ठाने पुग्छ |
मेरो घाऊ तिमी नहाँसे पो दुख्छ | मेरो घाऊ तिमी नहाँसे पो दुख्छ | ||
− | + | ||
+ | अँध्यारो मै छोड दियो नजलाऊ | ||
मलाई नसोध कहाँ दुख्छ घाउ॥ | मलाई नसोध कहाँ दुख्छ घाउ॥ | ||
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20:18, 2 सितम्बर 2023 के समय का अवतरण
मलाई नसोध कहाँ दुख्छ घाउ
म जे छु ठीकै छु, बिथोल्न नआऊ।
मेरो जिन्दगीमा सधैँ यो उदासी
सकेकै छु जिउन कहिल्यै नहाँसी
मेरो चाहना हो तिमी हाँसे पुग्छ
मेरो घाउ तिमी नहाँसे पो दुख्छ !
यसैले म भन्छु तिमी मुस्कुराऊ
मलाई नसोध कहाँ दुख्छ घाउ।
कतै बिरानीमा हराएँ भने म
कतै बेहोशीमा कराएँ भने म
मेरो प्राप्ति त्यही यति ठाने पुग्छ
मेरो घाऊ तिमी नहाँसे पो दुख्छ
अँध्यारो मै छोड दियो नजलाऊ
मलाई नसोध कहाँ दुख्छ घाउ॥