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"है मंज़र वही कुछ भी बदला नहीं है / नफ़ीस परवेज़" के अवतरणों में अंतर

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22:49, 27 फ़रवरी 2024 के समय का अवतरण

है मंज़र वही कुछ भी बदला नहीं है
इसे ग़ौर से तुमने देखा नहीं है

सितारों की महफ़िल सजी तो है लेकिन
यहाँ चाँद-सा कोई चेहरा नहीं है

सुनो दिल की मर्ज़ी वह क्या चाहता है
कि दिल पर तुम्हारे तो पहरा नहीं है

खुला आसमाँ है यूँ परवाज़ कर लो
वहाँ तक जहाँ कोई पहुँचा नहीं है

उसे ले ही आयेंगी प्यासी हवाएँ
जो बादल यहाँ आ के बरसा नहीं है

ये दुनिया है क्या इसकी क्या है रिवायत
समझ लो अगर तुमने समझा नहीं है

सराए की दीवार पर लिख रखा है
यहाँ मुस्तक़िल कोई ठहरा नहीं है