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"अब नहीं मैं लौट पाऊँगा दुबारा / राहुल शिवाय" के अवतरणों में अंतर
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जो कराते मधुमिलन वे | जो कराते मधुमिलन वे | ||
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दीप सारे बुझ | दीप सारे बुझ | ||
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सिर्फ अब हैं तैर सकते | सिर्फ अब हैं तैर सकते | ||
आँख में आँसू व्यथा के | आँख में आँसू व्यथा के | ||
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तुम हृदय में अल्पनाएँ | तुम हृदय में अल्पनाएँ | ||
मत सजाओ | मत सजाओ | ||
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पुण्य फल देगी कहाँ यह | पुण्य फल देगी कहाँ यह | ||
प्रेम की यात्रा अधूरी | प्रेम की यात्रा अधूरी | ||
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उम्र भर का शाप मत | उम्र भर का शाप मत | ||
हृद से लगाओ | हृद से लगाओ | ||
अब नहीं मैं लौट पाऊँगा दुबारा | अब नहीं मैं लौट पाऊँगा दुबारा | ||
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16:32, 21 मई 2024 के समय का अवतरण
कांपते अधरों से मुझको
मत बुलाओ
अब नहीं मैं लौट पाऊँगा दुबारा
स्वप्न के पत्ते
सहमकर पीतवर्णी हो गये हैं
जो कराते मधुमिलन वे
पंथ सारे खो गये हैं
मत बहारों के मुझे
सपने दिखाओ
अब नहीं मैं लौट पाऊँगा दुबारा
दीप सारे बुझ
चुके हैं मन्नतों के, हर प्रथा के
सिर्फ अब हैं तैर सकते
आँख में आँसू व्यथा के
तुम हृदय में अल्पनाएँ
मत सजाओ
अब नहीं मैं लौट पाऊँगा दुबारा
पूर्ण करनी जिन्दगी की
तीर्थ यात्रा, है जरूरी
पुण्य फल देगी कहाँ यह
प्रेम की यात्रा अधूरी
उम्र भर का शाप मत
हृद से लगाओ
अब नहीं मैं लौट पाऊँगा दुबारा