भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"उपहार / विजयाराजमल्लिका / सन्तोष कुमार" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=विजयाराजमल्लिका |अनुवादक=सन्तोष...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

05:52, 19 जून 2024 के समय का अवतरण

ओ चंदा
तुमने देखा मेरा उपहार,
वो खिलता हुआ इन्द्रधनुष
और वो चंचला नदी !

जैसे कि मेरी पुत्री और मेरा पुत्र
मैं पालूँगी इन्हें
ये कोमल गुच्छे
जो उतरे हैं इस धरा पर
रत्नजड़ित चिराग बन !

नहीं पुकारना मुझे
उन्हें… लड़का या लड़की कह के,
वही तय करें कि
वे कौन-से फूल हैं…
प्यारे फूल माँ की बगिया के

मूल अँग्रेज़ी से अनुवाद : सन्तोष कुमार