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"आराइशे-खुर्शीदो-क़मर किसके लिए है / 'अना' क़ासमी" के अवतरणों में अंतर
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− | आराइशे-खुर्शीदो-क़मर | + | आराइशे-खुर्शीदो-क़मर किसके लिए है । |
− | जब कोई नहीं है तो ये घर किसके लिए है | + | जब कोई नहीं है तो ये घर किसके लिए है ।। |
− | मुझ तक तो कभी चाय की नौबत नहीं आई | + | मुझ तक तो कभी चाय की नौबत नहीं आई । |
− | होगा भी बड़ा तेरा जिगर किसके लिए है | + | होगा भी बड़ा तेरा जिगर किसके लिए है ।। |
− | हैं अपने मरासिम | + | हैं अपने मरासिम मगर ऐसे कहां हैं । |
− | इस सम्त इशारा है मगर किसके लिए है | + | इस सम्त इशारा है मगर किसके लिए है ।। |
− | है कौन जिसे ढूंढ़ती फिरतीं हैं निगाहें | + | है कौन जिसे ढूंढ़ती फिरतीं हैं निगाहें । |
− | आंखों में तेरी गर्दे-सफ़र किसके लिए है | + | आंखों में तेरी गर्दे-सफ़र किसके लिए है ।। |
− | अब रात बहुत हो भी चुकी बज़्म | + | अब रात बहुत हो भी चुकी बज़्म हो । |
− | मैं हूं न यहां दर पे नज़र किसके लिऐ है | + | मैं हूं न यहां दर पे नज़र किसके लिऐ है ।। |
− | अशआर की शोख़ी तो चलो सबके लिए | + | अशआर की शोख़ी तो चलो सबके लिए हाँ। |
− | लहजे में तेरे ज़ख़्मे-हुनर किसके लिए है | + | लहजे में तेरे ज़ख़्मे-हुनर किसके लिए है ।। |
− | शक़ था तिरे तक़वे | + | शक़ था तिरे तक़वे पे ‘अना’ पहले से मुझको । |
− | वो ज़ोहराजबीं | + | वो ज़ोहराजबीं कल से इधर किसके लिए है ।। |
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19:19, 30 दिसम्बर 2024 के समय का अवतरण
आराइशे-खुर्शीदो-क़मर किसके लिए है ।
जब कोई नहीं है तो ये घर किसके लिए है ।।
मुझ तक तो कभी चाय की नौबत नहीं आई ।
होगा भी बड़ा तेरा जिगर किसके लिए है ।।
हैं अपने मरासिम मगर ऐसे कहां हैं ।
इस सम्त इशारा है मगर किसके लिए है ।।
है कौन जिसे ढूंढ़ती फिरतीं हैं निगाहें ।
आंखों में तेरी गर्दे-सफ़र किसके लिए है ।।
अब रात बहुत हो भी चुकी बज़्म हो ।
मैं हूं न यहां दर पे नज़र किसके लिऐ है ।।
अशआर की शोख़ी तो चलो सबके लिए हाँ।
लहजे में तेरे ज़ख़्मे-हुनर किसके लिए है ।।
शक़ था तिरे तक़वे पे ‘अना’ पहले से मुझको ।
वो ज़ोहराजबीं कल से इधर किसके लिए है ।।
शब्दार्थ
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