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"कजकुलाही से न मतलब रेशमी शालों से है / ‘अना’ क़ासमी" के अवतरणों में अंतर
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− | कजकुलाही | + | कजकुलाही से, न मतलब रेशमी शालों से है, |
− | दोस्ताना यार मेरा सिर्फ़ मतवालों से | + | दोस्ताना यार मेरा सिर्फ़ मतवालों से है। |
− | शायरी का शौक़ तो ताज़ा है लेकिन दोस्तो | + | शायरी का शौक़ तो ताज़ा है लेकिन दोस्तो, |
− | सिलसिला तो हुस्नवालों से मिरा सालों से | + | सिलसिला तो हुस्नवालों से मिरा सालों से है। |
− | उड़ के | + | उड़ के जाएगा भला वो जंगली पंछी कहाँ, |
− | जिसकी सिरयानों | + | जिसकी सिरयानों में खुशबू आम की डालों से है। |
− | परकटे पंछी चमन में रेंगते से देखकर | + | परकटे पंछी चमन में रेंगते से देखकर, |
− | जाने क्यों इक ख़ौफ़ सा हरदम तिरे बालों से | + | जाने क्यों इक ख़ौफ़ सा हरदम तिरे बालों से है। |
− | हम के तज | + | हम के तज दी ज़िन्दगी तक उस परी पैकर के नाम, |
− | फिर भी उसको बैर सा हम चाहने वालों से | + | फिर भी उसको बैर सा हम चाहने वालों से है। |
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13:20, 31 दिसम्बर 2024 के समय का अवतरण
कजकुलाही से, न मतलब रेशमी शालों से है,
दोस्ताना यार मेरा सिर्फ़ मतवालों से है।
शायरी का शौक़ तो ताज़ा है लेकिन दोस्तो,
सिलसिला तो हुस्नवालों से मिरा सालों से है।
उड़ के जाएगा भला वो जंगली पंछी कहाँ,
जिसकी सिरयानों में खुशबू आम की डालों से है।
परकटे पंछी चमन में रेंगते से देखकर,
जाने क्यों इक ख़ौफ़ सा हरदम तिरे बालों से है।
हम के तज दी ज़िन्दगी तक उस परी पैकर के नाम,
फिर भी उसको बैर सा हम चाहने वालों से है।