भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"सवालों की किताब / पाब्लो नेरूदा / प्रभाती नौटियाल" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=पाब्लो नेरूदा |अनुवादक=प्रभाती न...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
(कोई अंतर नहीं)

03:53, 14 जनवरी 2025 का अवतरण

( I )

बर्फ़बारी ्के इन्तज़ार में
बाग़ान को क्यों उजाड़ा गया ?

कैसे लगे पता कि
कलकत्ते के देवों में
भगवान कौन-सा है ?

क्यों जीते हैं रेशमी कीड़े
इतनी फटेहाल ज़िन्दगी ?

चेरी के दिल की मिठास
इतनी सख़्त क्यों होती है ?

क्या इसलिए
कि मरना है
या कि जीना जारी रखना है ?

(II)

जब सभी नदियाँ मीठी हैं
तो समुद्र कहाँ से लाता है नमक ?

ऋतुएँ कैसे जानती हैं
उन्हें अब बदलने हैं कपड़े ?

सर्दियों में इतनी सुस्त
और बाद में कैसे इतनी चुस्त ?

और जड़ों को कैसे होता पता
कि उन्हें रोशनी की ओर बढ़ना है ?

इतने सारे रंग-बिरंगे फूलों से
फिर हवा से दुआ-सलामी भी ?

क्या हमेशा एक जैसा होता है वसन्त
जो अपना किरदार निभाता है ?

मूल स्पानी भाषा से अनुवाद : प्रभाती नौटियाल