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"देखकर बस इक नज़र उसको दिवाना कर दिया / सतीश शुक्ला 'रक़ीब'" के अवतरणों में अंतर

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देखकर बस इक नज़र उसको दिवाना कर दिया
 
देखकर बस इक नज़र उसको दिवाना कर दिया
"मार डाला मरने वाले को के अच्छा  कर दिया"
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आँखों ही आँखों से दिल अपना हमारा कर दिया
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मुद्दतों भटका किये जो इस गली से उस गली
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बे-ठिकानों का यहां तू ने ठिकाना कर दिया
  
 
डूबने वाले को तिनके का सहारा है बहुत
 
डूबने वाले को तिनके का सहारा है बहुत
शुक्रिया, तूफ़ान का, उसने किनारा कर दिया
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डूबती कश्ती को तिनके ने सहारा कर दिया
  
 
जब भी जाना उसके घर तो कहना मेरा भी सलाम
 
जब भी जाना उसके घर तो कहना मेरा भी सलाम
 
और ये कहना के जो उसने कहा था, कर दिया
 
और ये कहना के जो उसने कहा था, कर दिया
  
उम्र भर सब पर रहेगा क़र्ज़ माँ के दूध का
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कुछ न कुछ बाक़ी रहेगा क़र्ज़ माँ के दूध का
कोई कह सकता नहीं ये क़र्ज़ चुकता कर दिया
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कह न पाया कोई चुकता क़र्ज़ सारा कर दिया
  
कुछ हुआ करता था तेरा और कुछ मेरा 'रक़ीब'
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नाख़ुदा ने छोड़ दी कश्ती  मिरी मझधार में
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शुक्रिया, तूफ़ान ने आकर किनारा कर दिया
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मुद्दतों खेला, मिरे दिल से खिलौने की तरह
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तू ही रख ले अब इसे तूने पुराना कर दिया
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कुछ हुआ करता था मेरा और कुछ तेरा 'रक़ीब'
 
दो मुलाक़ातों ने देखो सब हमारा कर दिया
 
दो मुलाक़ातों ने देखो सब हमारा कर दिया
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12:59, 6 फ़रवरी 2025 के समय का अवतरण

देखकर बस इक नज़र उसको दिवाना कर दिया
आँखों ही आँखों से दिल अपना हमारा कर दिया

मुद्दतों भटका किये जो इस गली से उस गली
बे-ठिकानों का यहां तू ने ठिकाना कर दिया

डूबने वाले को तिनके का सहारा है बहुत
डूबती कश्ती को तिनके ने सहारा कर दिया

जब भी जाना उसके घर तो कहना मेरा भी सलाम
और ये कहना के जो उसने कहा था, कर दिया

कुछ न कुछ बाक़ी रहेगा क़र्ज़ माँ के दूध का
कह न पाया कोई चुकता क़र्ज़ सारा कर दिया

नाख़ुदा ने छोड़ दी कश्ती मिरी मझधार में
शुक्रिया, तूफ़ान ने आकर किनारा कर दिया

मुद्दतों खेला, मिरे दिल से खिलौने की तरह
तू ही रख ले अब इसे तूने पुराना कर दिया

कुछ हुआ करता था मेरा और कुछ तेरा 'रक़ीब'
दो मुलाक़ातों ने देखो सब हमारा कर दिया