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"सफ़र में ये होता है हैरां नहीं हूँ / डी. एम. मिश्र" के अवतरणों में अंतर

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सफ़र में ये होता है हैरां नहीं हूँ
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थका  हूँ मगर मैं परीशां नहीं हूँ
  
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अगर ज़िंदगी है तो ख़तरे भी होंगे
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मगर डरने वाला मैं इन्सां नहीं हूँ
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समय के मुताबिक तो चलना ही पड़ता
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बदलता हूँ  , हर पल मैं यक्सां नहीं हूँ
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भरोसा तो करिए वफ़ादार हूँ  , पर
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मुझे लूट लो , मैं वो सामां नहीं हूँ
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ढले शाम हो जाए जिसका शटर बंद
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मुहब्बत की कोई मैं दूकां नहीं हूँ
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समझता हूं मैं क्या वहाँ चल रहा है
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मैं भोला हूँ , लेकिन मैं नादां नहीं हूँ
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भले चार पल की है यह ज़िंदगानी
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मैं मालिक हूँ तब तक , मैं मेहमां नहीं हूँ
 
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22:27, 4 मार्च 2025 के समय का अवतरण

सफ़र में ये होता है हैरां नहीं हूँ
थका हूँ मगर मैं परीशां नहीं हूँ


अगर ज़िंदगी है तो ख़तरे भी होंगे
मगर डरने वाला मैं इन्सां नहीं हूँ

समय के मुताबिक तो चलना ही पड़ता
बदलता हूँ , हर पल मैं यक्सां नहीं हूँ

भरोसा तो करिए वफ़ादार हूँ , पर
मुझे लूट लो , मैं वो सामां नहीं हूँ

ढले शाम हो जाए जिसका शटर बंद
मुहब्बत की कोई मैं दूकां नहीं हूँ

समझता हूं मैं क्या वहाँ चल रहा है
मैं भोला हूँ , लेकिन मैं नादां नहीं हूँ

भले चार पल की है यह ज़िंदगानी
मैं मालिक हूँ तब तक , मैं मेहमां नहीं हूँ