भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"आँँसू नहीं निचोड़ो छोड़ो यार / अशोक अंजुम" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=अशोक अंजुम |अनुवादक= |संग्रह=अशोक...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

23:35, 9 मार्च 2025 के समय का अवतरण

आँँसू नहीं निचोड़ो छोड़ो यार !
अगर नहीं मन, छोड़ो यार !

ऊसर हो, तो हो जाए
दिल की ज़मीं न गोड़ो यार !

पीकर भांग मजहबों की
आपस में सर फोड़ो यार !

फूल खिले हैं बगिया में
जाओ छुपकर तोड़ो यार !

बापू खड़े हैं रस्ते में
जल्दी गाड़ी मोड़ो यार !

बम फटने को आतुर है
चलो कनेक्शन जोड़ो यार !