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"चूहेदानी में जो रोटी रखता है / डी. एम. मिश्र" के अवतरणों में अंतर

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बाजू में शमशीर लिए वो फिरता है
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बातें मगर अहिंसा की ही करता है
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चतुर शिकारी माहिर है अपने फ़न में
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कैसे एक कबूतर जाल में  फँसता  है
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बगुला मछली को चुपचाप गटक जाता
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फिर भी वो खुद को साधू ही कहता है
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भेड़ बकरियाँ जान न पातीं चालाकी
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भेड़िया कैसे छुपकर हमला करता है
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कोई उसकी कुर्सी उससे छीन न ले
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एक सफल राजा उस नीति पे चलता है
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सच्चाई वो सुनने को तैयार नहीं
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सावन के अंधे को सब हरिअर दिखता है
 
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15:36, 22 मार्च 2025 के समय का अवतरण

चूहेदानी में जो रोटी रखता है
चूहे से क्या बहुत मुहब्बत करता है?

बाजू में शमशीर लिए वो फिरता है
बातें मगर अहिंसा की ही करता है

चतुर शिकारी माहिर है अपने फ़न में
कैसे एक कबूतर जाल में फँसता है

बगुला मछली को चुपचाप गटक जाता
फिर भी वो खुद को साधू ही कहता है

भेड़ बकरियाँ जान न पातीं चालाकी
भेड़िया कैसे छुपकर हमला करता है

कोई उसकी कुर्सी उससे छीन न ले
एक सफल राजा उस नीति पे चलता है

सच्चाई वो सुनने को तैयार नहीं
सावन के अंधे को सब हरिअर दिखता है