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"बंद कर देना बहुत आसान है / डी. एम. मिश्र" के अवतरणों में अंतर

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पर, वो मेरे घर का रोशनदान है
  
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तोड़ने पर जिसको आमादा है तू
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वो ही ऊपर जाने का सोपान है
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कल जो घोड़े पे थे  हैं अब गधे पर
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वक़्त ये सचमुच बड़ा बलवान है
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खाल ने यारो किया ऐसा कमाल
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भेड़िया भी दिख रहा इंसान है
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चार सौ बीसी भरी दिल में मगर
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होंठ पर चिपका हुआ ईमान है
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आज का धनवान ही भगवान है
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आज का भगवान ही धनवान है
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मैंने ये देखा है अक्सर दोस्तो
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श्वेत, काले लोगों का परिधान है
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कौन जानेगा मगर अंदर की बात
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चरण - चुंबन से मिला सम्मान है
 
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18:41, 3 मई 2025 के समय का अवतरण

बंद कर देना बहुत आसान है
पर, वो मेरे घर का रोशनदान है

तोड़ने पर जिसको आमादा है तू
वो ही ऊपर जाने का सोपान है

कल जो घोड़े पे थे हैं अब गधे पर
वक़्त ये सचमुच बड़ा बलवान है

खाल ने यारो किया ऐसा कमाल
भेड़िया भी दिख रहा इंसान है

चार सौ बीसी भरी दिल में मगर
होंठ पर चिपका हुआ ईमान है

आज का धनवान ही भगवान है
आज का भगवान ही धनवान है

मैंने ये देखा है अक्सर दोस्तो
श्वेत, काले लोगों का परिधान है

कौन जानेगा मगर अंदर की बात
चरण - चुंबन से मिला सम्मान है