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"आजकल दिल में अचानक से दर्द होता है / डी. एम. मिश्र" के अवतरणों में अंतर

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आत्मा पे जो लगा दाग़ उसे  देख कभी
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दाग़ दामन पे लगा है जो वही धोता है
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ऐसे इंसान का कहते हो भरोसा कर लूँ
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आँख रहती है खुली फिर भी मस्त सोता है
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उसका अपना वो कहाँ सर पे  जो लादे फिरता
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इक कुली  भार सिर्फ़  दूसरों का  ढोता है
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कितनी मुश्किल से है इन्सान कमाता दौलत
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कितनी आसानी से लेकिन वो उसे  खोता है
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प्यार नफ़रत में बदल जाय कब पता न चले
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प्यार सच्चा हो तो वो सबसे ज़ुदा होता है
 
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18:48, 3 मई 2025 के समय का अवतरण

आजकल दिल में अचानक से दर्द होता है
जाने क्या सोच के मन चुप के, चुप के रोता है

आत्मा पे जो लगा दाग़ उसे देख कभी
दाग़ दामन पे लगा है जो वही धोता है

ऐसे इंसान का कहते हो भरोसा कर लूँ
आँख रहती है खुली फिर भी मस्त सोता है

उसका अपना वो कहाँ सर पे जो लादे फिरता
इक कुली भार सिर्फ़ दूसरों का ढोता है

कितनी मुश्किल से है इन्सान कमाता दौलत
कितनी आसानी से लेकिन वो उसे खोता है

प्यार नफ़रत में बदल जाय कब पता न चले
प्यार सच्चा हो तो वो सबसे ज़ुदा होता है