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"खेत को और कोई जोतने वाला होगा / डी. एम. मिश्र" के अवतरणों में अंतर

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आप हाकिम हैं हुक़्म देने में क्या लगता है
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भार तो और  कोई लादने वाला होगा
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कूद तो जायेगा दरिया में वो संदेह नहीं
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हाथ उसका भी कोई थामने वाला होगा?
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फिर  किसी और जोंक की कहाँ ज़रूरत है
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मेरा हमदम जो ख़ून चूसने वाला होगा
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देखिए कैसे दरकने लगीं हैं बुनियादें
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वो किला झूठ का अब टूटने वाला होगा
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आजकल भौंकते नहीं गली के कुत्ते भी
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नींद में सब हैं , अब  वो लूटने वाला होगा
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ठीक है कहते हो तो हम मशाल रख देते
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इस अँधेरे को कोई रोकने वाला होगा
 
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18:59, 3 मई 2025 के समय का अवतरण

खेत को और कोई जोतने वाला होगा
फ़स्ल को और कोई काटने वाला होगा

आप हाकिम हैं हुक़्म देने में क्या लगता है
भार तो और कोई लादने वाला होगा

कूद तो जायेगा दरिया में वो संदेह नहीं
हाथ उसका भी कोई थामने वाला होगा?

फिर किसी और जोंक की कहाँ ज़रूरत है
मेरा हमदम जो ख़ून चूसने वाला होगा

देखिए कैसे दरकने लगीं हैं बुनियादें
वो किला झूठ का अब टूटने वाला होगा

आजकल भौंकते नहीं गली के कुत्ते भी
नींद में सब हैं , अब वो लूटने वाला होगा

ठीक है कहते हो तो हम मशाल रख देते
इस अँधेरे को कोई रोकने वाला होगा