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"बचपन में छुट्टी के दिन इस तरह बिताता था / डी. एम. मिश्र" के अवतरणों में अंतर

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दुपहर में अक्सर मैं वहीं पे खाट बिछाता था
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भेड़-बकरियाँ नन्हें पौधों को चर लें न कहीं
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उनके चारों तरफ़ कंटीले तार  बिछाता था
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घर के चारों तरफ़ हमारे क्यारी होती थी
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गमलों में भी तरह- तरह के फूल खिलाता था
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हमजोली बच्चों की भी इक टोली होती थी
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बँसवारी के नीचे मैं चौपाल लगाता था
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उन अंडों को बिल्ली से हर समय बचाता था
 
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12:14, 4 मई 2025 के समय का अवतरण

बचपन में छुट्टी के दिन इस तरह बिताता था
मैं अपने पुरखों के नाम पे पेड़ लगाता था

अपनी बगिया गाँव की सबसे सुंदर बगिया थी
दुपहर में अक्सर मैं वहीं पे खाट बिछाता था

भेड़-बकरियाँ नन्हें पौधों को चर लें न कहीं
उनके चारों तरफ़ कंटीले तार बिछाता था

घर के चारों तरफ़ हमारे क्यारी होती थी
गमलों में भी तरह- तरह के फूल खिलाता था

हमजोली बच्चों की भी इक टोली होती थी
बँसवारी के नीचे मैं चौपाल लगाता था

गौरेया दालान में मेरे अंडे दे जाती
उन अंडों को बिल्ली से हर समय बचाता था