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"डाकुओं से अधिक लीडरों से है डर / डी. एम. मिश्र" के अवतरणों में अंतर

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डाकुओं से अधिक लीडरों  से है डर
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वेश बदले हुए इन ठगों से है डर
  
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सीख लें मीर ज़ाफ़र से , जयचंद से
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दुश्मनों से अधिक भेदियों से है डर
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कितनी ज़ालिम है दुनिया समझ लीजिये
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पर जनों से अधिक परिजनों से है डर
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हमको सीताहरण ने बता ही दिया
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राक्षसों से अधिक साधुओं से है  डर
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डालते हैं वो दाना बड़े प्यार से
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वहशियों से अधिक मनचलों से है डर
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ये कहा है किसी ने सही दोस्तो
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अनपढ़ों से अधिक जाहिलों से है डर
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डर ख़ुदा से न है  औ न ईश्वर से है
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मस्जिदों से है डर, मंदिरों से है डर
 
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12:28, 4 मई 2025 के समय का अवतरण

डाकुओं से अधिक लीडरों से है डर
वेश बदले हुए इन ठगों से है डर

सीख लें मीर ज़ाफ़र से , जयचंद से
दुश्मनों से अधिक भेदियों से है डर

कितनी ज़ालिम है दुनिया समझ लीजिये
पर जनों से अधिक परिजनों से है डर

हमको सीताहरण ने बता ही दिया
राक्षसों से अधिक साधुओं से है डर

डालते हैं वो दाना बड़े प्यार से
वहशियों से अधिक मनचलों से है डर

ये कहा है किसी ने सही दोस्तो
अनपढ़ों से अधिक जाहिलों से है डर

डर ख़ुदा से न है औ न ईश्वर से है
मस्जिदों से है डर, मंदिरों से है डर