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"अस्थिर है छवि तुम्हारी / ओसिप मंदेलश्ताम" के अवतरणों में अंतर

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छवि तुम्हारी
 
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और बेहद यातनादायक
 
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ईश्वर का नाम
 
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एक बड़ा पक्षी है कोई
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जिसके सामने लहरा रहा है
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घना कोहरा
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(रचनाकाल : 1912)
  
एक बड़ा पक्षी है कोई
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'''मूल रूसी से अनुवाद : अनिल जनविजय'''
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'''लीजिए अब यही कविता मूल रूसी भाषा में पढ़िए'''
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            Осип Мандельштам
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Образ твой, мучительный и зыбкий…
  
जिसके सामने लहरा रहा है
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Образ твой, мучительный и зыбкий,
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Я не мог в тумане осязать.
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«Господи!» — сказал я по ошибке,
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Сам того не думая сказать.
  
घना कोहरा
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Божье имя, как большая птица,
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Вылетело из моей груди!
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Впереди густой туман клубится,
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И пустая клетка позади…
  
और पीछे है खाली पिंजरा
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1912 г.
 
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(रचनाकाल : 1912)
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15:04, 9 जून 2025 के समय का अवतरण

अस्थिर है
छवि तुम्हारी
और बेहद यातनादायक

कोहरे में मैं छू नहीं पाया उसे
पर मुँह से निकला अचानक — ऐ ख़ुदा !
हालाँकि सोचा नहीं था मैंने
कि ऐसा कहूँगा

ईश्वर का नाम
जैसे मेरे हृदय से निकलकर उड़ा
एक बड़ा पक्षी है कोई
जिसके सामने लहरा रहा है
घना कोहरा
और पीछे है ख़ाली पिंजरा

(रचनाकाल : 1912)

मूल रूसी से अनुवाद : अनिल जनविजय
लीजिए अब यही कविता मूल रूसी भाषा में पढ़िए
            Осип Мандельштам
 Образ твой, мучительный и зыбкий…

Образ твой, мучительный и зыбкий,
Я не мог в тумане осязать.
«Господи!» — сказал я по ошибке,
Сам того не думая сказать.

Божье имя, как большая птица,
Вылетело из моей груди!
Впереди густой туман клубится,
И пустая клетка позади…

1912 г.