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"यार ये ज़ख़्म / चरण जीत चरण" के अवतरणों में अंतर
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खाली बर्तन को भर भी सकते थे
तेरे ग़म से उभर भी सकते थे
बस अहद कर लिया था जीने का
वर्ना उस रोज़ मर भी सकते थे
इक मैं, इक तू थी और तन्हाई
हम कि हद से गुजर भी सकते थे
बाकी दुनिया से ख़ैर क्या ? तुझसे
थोड़ी उम्मीद कर भी सकते थे
गर मुसलसल जले नहीं होते
यार ये ज़ख़्म भर भी सकते थे