भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"आज फिर मुझको खिड़की से/ विनय प्रजापति 'नज़र'" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
विनय प्रजापति (चर्चा | योगदान) (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=विनय प्रजापति 'नज़र' }} category: रूबाई <poem> '''लेखन वर्ष: ...) |
विनय प्रजापति (चर्चा | योगदान) |
||
पंक्ति 10: | पंक्ति 10: | ||
आज फिर मुझको खिड़की से | आज फिर मुझको खिड़की से | ||
दिख रहा है चाँद आधा-आधा | दिख रहा है चाँद आधा-आधा | ||
+ | |||
जिस तरह से मैं जी रहा हूँ | जिस तरह से मैं जी रहा हूँ | ||
वो भी कहीं जी रहा है आधा-आधा | वो भी कहीं जी रहा है आधा-आधा | ||
</poem> | </poem> |
07:04, 29 दिसम्बर 2008 का अवतरण
लेखन वर्ष: २००३
आज फिर मुझको खिड़की से
दिख रहा है चाँद आधा-आधा
जिस तरह से मैं जी रहा हूँ
वो भी कहीं जी रहा है आधा-आधा