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"मैं दहशतगर्द था मरने पे बेटा बोल सकता है / मुनव्वर राना" के अवतरणों में अंतर
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− | कई चेहरे अभी तक | + | कई चेहरे अभी तक मुँहज़बानी याद हैं इसको |
कहीं तुम पूछ मत लेना ये गूंगा बोल सकता है | कहीं तुम पूछ मत लेना ये गूंगा बोल सकता है | ||
− | + | यहाँ पर नफ़रतों ने कैसे कैसे गुल खिलाये हैं | |
लुटी अस्मत बता देगी दुपट्टा बोल सकता है | लुटी अस्मत बता देगी दुपट्टा बोल सकता है | ||
− | बहुत सी | + | बहुत सी कुर्सियाँ इस मुल्क में लाशों पे रखी हैं |
ये वो सच है जिसे झूठे से झूठा बोल सकता है | ये वो सच है जिसे झूठे से झूठा बोल सकता है | ||
− | सियासत की कसौटी पर परखिये मत | + | सियासत की कसौटी पर परखिये मत वफ़ादारी |
− | किसी दिन | + | किसी दिन इंतक़ामन मेरा गुस्सा बोल सकता है |
10:33, 14 जनवरी 2009 के समय का अवतरण
मैं दहशतगर्द था मरने पे बेटा बोल सकता है
हुकूमत के इशारे पर तो मुर्दा बोल सकता है
हुकूमत की तवज्जो चाहती है ये जली बस्ती
अदालत पूछना चाहे तो मलबा बोल सकता है
कई चेहरे अभी तक मुँहज़बानी याद हैं इसको
कहीं तुम पूछ मत लेना ये गूंगा बोल सकता है
यहाँ पर नफ़रतों ने कैसे कैसे गुल खिलाये हैं
लुटी अस्मत बता देगी दुपट्टा बोल सकता है
बहुत सी कुर्सियाँ इस मुल्क में लाशों पे रखी हैं
ये वो सच है जिसे झूठे से झूठा बोल सकता है
सियासत की कसौटी पर परखिये मत वफ़ादारी
किसी दिन इंतक़ामन मेरा गुस्सा बोल सकता है