भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"प्यार / तुलसी रमण" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=तुलसी रमण |संग्रह= }} <Poem> गुर्राता, भौंकता वह झपटा ...) |
प्रकाश बादल (चर्चा | योगदान) |
||
पंक्ति 2: | पंक्ति 2: | ||
{{KKRachna | {{KKRachna | ||
|रचनाकार=तुलसी रमण | |रचनाकार=तुलसी रमण | ||
− | |संग्रह= | + | |संग्रह=ढलान पर आदमी |
}} | }} | ||
13:37, 15 जनवरी 2009 का अवतरण
गुर्राता, भौंकता
वह झपटा मेरी ओर
मैंने बजाई चुटकी
और पुचकारा
उसने दुम हिलाई
और कूँ-कूँ कर कहा-
कौन नहीं चाहता आख़िर
प्यार।