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"आदमक़द स्त्री / लीलाधर मंडलोई" के अवतरणों में अंतर

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03:12, 16 जनवरी 2009 के समय का अवतरण

इतनी बार गिरी
इतने आघात

इतनी बार हारी
इतनी चोटें

इतनी बार मृत्यु
इतने जीवन

हर बार वह उठ खड़ी हुई
एक नई स्त्री में

वह निराला की आदमक़द स्त्री