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"पाठशाला में बच्चे की पिटाई पर / अवतार एनगिल" के अवतरणों में अंतर

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17:06, 23 जनवरी 2009 का अवतरण


पहनी नहीं आज फिर
इस लड़के ने
वही, वही कमीज़
पहनकर जिसे करते हैं सभी
तयशुदा कवायद
अरे, और बच्चे भी तो हैं
हमारी एस प्रतिष्ठित पाठशाला में
कभी किसी ने नहीं उड़ाया
अनुशासन का उपहास


कहा था, फिर भी
पहनकर नहीं आया
परेड वाली कमीज़

इसकी उद्दण्दता पर अनुशासन की धार
आज ‘गर न चढ़ी’
तो कब काम आएगी
बाँस की छड़ी?

कमाल!
कृष्ण!
इसकी कमीज़ उतारो!

बहुत करते हो सवाल!
जवाब दो अब मुझे!
पहनकर क्यों नहीं आए
वही, वही कमीज़?

उड़ते हो बहुत
हम भी आज तुम्हें उड़ाएंगे
कोहनियों के बल
रेंगना सिखाएंगे
नागरिक बनाएंगे
पाठशाला की प्रतिष्ठा बचाएंगे