भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"बादल देख डरी / मीराबाई" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
 
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
कवियत्री: [[मीराबाई]]
+
कवयित्री: [[मीराबाई]]
 
[[Category:कविताएँ]]
 
[[Category:कविताएँ]]
 
[[Category:मीराबाई]]
 
[[Category:मीराबाई]]
 +
[[Category:पद]]
  
 
~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~
 
~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~

23:15, 18 अगस्त 2006 का अवतरण

कवयित्री: मीराबाई

~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~

बादल देख डरी हो, स्याम, मैं बादल देख डरी
श्याम मैं बादल देख डरी
काली-पीली घटा ऊमड़ी बरस्यो एक घरी
जित जाऊं तित पाणी पाणी हुई सब भोम हरी
जाके पिया परदेस बसत है भीजे बाहर खरी
मीरा के प्रभु गिरधर नागर कीजो प्रीत खरी
श्याम मैं बादल देख डरी