भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"मैने पहने है कपड़े धुले / श्रद्धा जैन" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
छो ("मैने पहने है कपड़े धुले / श्रद्धा जैन" सुरक्षित कर दिया [edit=sysop:move=sysop])
(कोई अंतर नहीं)

19:11, 4 फ़रवरी 2009 का अवतरण

आप भी अब मिरे गम बढ़ा दीजिए
मुझको लंबी उमर की दुआ दीजिए

मैने पहने है कपड़े, धुले आज फिर
तोहमते अब नई कुछ लगा दीजिए

रोशनी के लिए, इन अंधेरों में अब
कुछ नही तो मिरा दिल जला दीजिए

चाप कदमों की अपनी मैं पहचान लूं
आईने से यूँ मुझको मिला दीजिए

गर मुहब्बत ज़माने में है इक खता
आप मुझको भी कोई सज़ा दीजिए

चाँद मेरे दुखों को न समझे कभी
चाँदनी आज उसकी बुझा दीजिए

हंसते हंसते जो इक पल में गुमसुम हुई
राज़ "श्रद्धा" नमी का बता दीजिए