भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"ज़रूरत है / लीलाधर जगूड़ी" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(नया पृष्ठ: {{KKRachna |रचनाकार=लीलाधर जगूड़ी |संग्रह = घबराये हुए शब्द / लीलाधर जगूड...)
(कोई अंतर नहीं)

01:32, 5 फ़रवरी 2009 का अवतरण

ज़रूरत है
पहलवानी और गुण्डेपन से बाहर
एक ऎसी ताक़त की
जिसे लेकर
कमज़ोर से कमज़ोर आदमी भी
जीत जाए

ऎसी ताक़त की
जो बैंक के एकाउण्ट
घर या फ़र्नीचर से
तय न होती हो

जिससे आँख मिलाने पर
ठण्डे चूल्हें जल उठें
कुरूप की अच्छाई
दिखने लगे
सुन्दर के
ऎब खुल जाएँ

ज़रूरत है
एक ऎसी ताक़त की
जिसके लिए
आदमी को आदमी से
घृणा न करनी पड़े

(अगर कहीं हो
या किसी में मिल जाय
तो जो हैं
पर दिख नहीं रहे हैं
उनसे सम्पर्क करें)