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"बच्चे / केशव" के अवतरणों में अंतर

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06:25, 7 फ़रवरी 2009 के समय का अवतरण

धूप में नहाते हैं

बच्चे
धूप में
काग़ज़ की नावें चलाते हैं
बच्चे
धूप में
पतंगों की तरह उड़ना चाहते हैं
बच्चे
 
धूप में बिलखते हैं
बच्चे भरी दोपहरी में
घर से निकलकर
आखिर कहाँ जाते हैं
बच्चे।