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"भूख / केशव" के अवतरणों में अंतर

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19:29, 7 फ़रवरी 2009 के समय का अवतरण

वह भूखा ज़रूर है
शायद सृष्टि के पल से
पर निर्लज्ज नहीं
एक-एक कौर में बेशक
कैद है उसका सपना
पर वह
सपने का मोहताज़ नहीं

वह अपनी
भूख़ के साथ रहता है
हर पल
पर उसका
एक भी पल भूखा नहीं

दुनिया के लिए
भूख के कई नाम
पर उसके लिए
सिर्फ पेट की आग
इस आग में तपकर
निकलता वह
भूख़ के लिए जीना छोड़
भूख से लगातार लेता होड़ ।