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"मैं भी शायद बुरा नहीं होता / बशीर बद्र" के अवतरणों में अंतर
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15:51, 14 फ़रवरी 2009 के समय का अवतरण
कोई काँटा चुभा नहीं होता
दिल अगर फूल सा नहीं होता
मैं भी शायद बुरा नहीं होता
वो अगर बेवफ़ा नहीं होता
बेवफ़ा बेवफ़ा नहीं होता
ख़त्म ये फ़ासला नहीं होता
कुछ तो मजबूरियाँ रही होंगी
यूँ कोई बेवफ़ा नहीं होता
जी बहुत चाहता है सच बोलें
क्या करें हौसला नहीं होता
रात का इंतज़ार कौन करे
आज-कल दिन में क्या नहीं होता
गुफ़्तगू उन से रोज़ होती है
मुद्दतों सामना नहीं होता