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"मैं भी शायद बुरा नहीं होता / बशीर बद्र" के अवतरणों में अंतर

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कोई काँटा चुभा नहीं होता
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मैं भी शायद बुरा नहीं होता
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वो अगर बेवफ़ा नहीं होता
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बेवफ़ा बेवफ़ा नहीं होता
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कुछ तो मजबूरियाँ रही होंगी
ख़त्म ये फ़ासला नहीं होता <br><br>
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जी बहुत चाहता है सच बोलें
यूँ कोई बेवफ़ा नहीं होता <br><br>
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रात का इंतज़ार कौन करे
क्या करें हौसला नहीं होता <br><br>
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गुफ़्तगू उन से रोज़ होती है
आज-कल दिन में क्या नहीं होता <br><br>
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मुद्दतों सामना नहीं होता
 
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15:51, 14 फ़रवरी 2009 के समय का अवतरण

कोई काँटा चुभा नहीं होता
दिल अगर फूल सा नहीं होता

मैं भी शायद बुरा नहीं होता
वो अगर बेवफ़ा नहीं होता

बेवफ़ा बेवफ़ा नहीं होता
ख़त्म ये फ़ासला नहीं होता

कुछ तो मजबूरियाँ रही होंगी
यूँ कोई बेवफ़ा नहीं होता

जी बहुत चाहता है सच बोलें
क्या करें हौसला नहीं होता

रात का इंतज़ार कौन करे
आज-कल दिन में क्या नहीं होता

गुफ़्तगू उन से रोज़ होती है
मुद्दतों सामना नहीं होता