भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"नौ सपने / भाग 9 / अमृता प्रीतम" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=अमृता प्रीतम }} Category:लम्बी कविता {{KKPageNavigation |पीछे=नौ ...)
 
छो
पंक्ति 20: पंक्ति 20:
 
बुलाओ धरती की दाई,
 
बुलाओ धरती की दाई,
 
मेरा पहला जापा...
 
मेरा पहला जापा...
 
<pre>...        ...        ...</pre>
 
 
</poem>
 
</poem>

21:32, 14 फ़रवरी 2009 का अवतरण

मेरा कार्तिक धर्मी,
मेरी ज़िन्दगी सुकर्मी
मेरी कोख की धूनी,
काते आगे की पूनी

दीप देह का जला,
तिनका प्रकाश का छुआ
बुलाओ धरती की दाई,
मेरा पहला जापा...