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"दो सिरे / अमिता प्रजापति" के अवतरणों में अंतर

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00:37, 16 फ़रवरी 2009 का अवतरण

ज़िन्दगी की कमीज़ के
दोनों सिरों पर लगे

काज और बटन की तरह हैं हम

वक़्त को
जब झुरझुरी आती है
इस कमीज़ को ढूंढ़ कर
पहन लेता है