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"ऎसा क्यों होता है?-2 / वेणु गोपाल" के अवतरणों में अंतर

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ऎसा क्यों होता है-
कि कवि
और उसकी कविता
आपस में
मिल तक नहीं पाते

सदियाँ बीत जाती हैं

कविता आ रही होती है
तो कवि जा चुका होता है
और कवि आ रहा होता है
तो कविता जा चुकी होती है

और
कभी किसी
ऎतिहासिक संयोग से
अगर
वे मिल जाते हैं

तो
हिन्दी साहित्य को
पता तक
नहीं चल पाता!